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पटना: बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से एग्जाम नॉर्मलाइजेशन को लेकर जब तक सफाई आई तब तक काफी देर हो चुकी थी। पटना की सड़कों पर अभ्यर्थी और कोचिंग टीचरों पर पुलिस लाठी भांज चुकी थी। इस बीच बीपीएससी परीक्षा विवाद में पटना के मशहूर खान सर भी सड़कों पर उतर गए। सोशल मीडिया पर अफवाह फैल गई कि खान को गिरफ्तार कर लिया गया। बिहार पुलिस ने खान सर की गिरफ्तारी की अफवाहों का खंडन किया। इस प्रदर्शन के अगले दिन शनिवार को सोशल मीडिया हैंडल-'खान ग्लोबल स्टडीज' के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई। शनिवार को ही देर शाम खान सर की अस्पताल से तस्वीरें आने लगी। तस्वीर से लग रहा है कि खान सर को कुछ ज्यादा परेशानी है।
सचिवालय-एक की अनुमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) अनु कुमारी ने कहा, 'पुलिस ने खान सर की गिरफ्तारी के बारे में गलत सूचना फैलाने के लिए सोशल मीडिया हैंडल-'खान ग्लोबल स्टडीज' के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह बेबुनियाद आरोप हैं...खान सर को गिरफ्तार नहीं किया गया है। सोशल मीडिया हैंडल से जुड़े लोग शनिवार सुबह से ही विभिन्न पोस्ट के माध्यम से खान सर की रिहाई की मांग कर रहे हैं।' पुलिस ने शनिवार को स्पष्ट किया कि खान सर शुक्रवार शाम को धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों से मिलने के बाद गर्दनी बाग थाने आए थे।
खान सर ने शुक्रवार को पटना में बीपीएससी परीक्षा के आंदोलनकारी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज के बाद उनका खुलकर समर्थन किया। वह अभ्यर्थियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए पटना के गर्दनीबाग इलाके में धरना स्थल पर पहुंचे थे।
खान सर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए छात्रों को यूट्यूब और अन्य डिजिटल मीडिया मंच के जरिए कोचिंग देने के लिए जाने जाते हैं। पुलिस की ओर से खान सर की गिरफ्तारी के बारे में गलत सूचना फैलाने के लिए सोशल मीडिया हैंडल-'खान ग्लोबल स्टडीज' के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू किए जाने के बीच शनिवार की शाम अचानक खान सर की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें इलाज के लिए पटना स्थित एक निजी अस्पताल प्रभात हास्पिटल में भर्ती कराया गया जहां उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
डॉ सतीश सिंह ने बताया कि शनिवार शाम उनकी तबीयत अधिक बिगड़ने पर जांच की गई और उन्हें डिहाइड्रेशन सहित अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है।
बाद में पुलिस ने बीपीएससी कार्यालय के पास बेली रोड पर यातायात अवरुद्ध करने का प्रयास करने वाले आंदोलनकारी छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया और प्रतिबंधित क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की कोशिश करने के लिए छात्र नेता दिलीप कुमार को गिरफ्तार कर लिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया कि लाठीचार्ज के दौरान दो या तीन अभ्यर्थी घायल हो गए।
अधिकारियों ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा, 'किसी भी प्रदर्शनकारी को कोई चोट नहीं आई। पुलिस के अवरोधक तोड़ने की कोशिश करने वालों को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया।'
खान सर की गिरफ्तारी की अफवाह किसने फैलाई?
हालांकि, पटना पुलिस ने खान सर के नाम से पहचाने जाने वाले शिक्षक और यूट्यूबर की गिरफ्तारी के बारे में सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों का खंडन किया। पुलिस ने शनिवार को इन अफवाहों का खंडन करते हुए कहा कि खान सर राजधानी पटना में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) कार्यालय के निकट अवैध प्रदर्शन को लेकर हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए अपनी इच्छा से पुलिस थाने आए थे।सचिवालय-एक की अनुमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) अनु कुमारी ने कहा, 'पुलिस ने खान सर की गिरफ्तारी के बारे में गलत सूचना फैलाने के लिए सोशल मीडिया हैंडल-'खान ग्लोबल स्टडीज' के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह बेबुनियाद आरोप हैं...खान सर को गिरफ्तार नहीं किया गया है। सोशल मीडिया हैंडल से जुड़े लोग शनिवार सुबह से ही विभिन्न पोस्ट के माध्यम से खान सर की रिहाई की मांग कर रहे हैं।' पुलिस ने शनिवार को स्पष्ट किया कि खान सर शुक्रवार शाम को धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों से मिलने के बाद गर्दनी बाग थाने आए थे।
BPSC अभ्यर्थियों का समर्थन करने आए थे खान सर
एसडीपीओ ने कहा, 'खान सर को बार-बार थाने से जाने के लिए कहा गया। इस पर उन्होंने गर्दनीबाग थाने से अनुरोध किया कि उन्हें पुलिस वाहन में अटल पथ के पास उनके वाहन तक छोड़ दिया जाए। अनुरोध के अनुसार, उन्हें पुलिस वाहन में अटल पथ के पास छोड़ दिया गया, जहां उनकी अपनी कार खड़ी थी। उन्हें न तो हिरासत में लिया गया और न ही गिरफ्तार किया गया।'खान सर ने शुक्रवार को पटना में बीपीएससी परीक्षा के आंदोलनकारी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज के बाद उनका खुलकर समर्थन किया। वह अभ्यर्थियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए पटना के गर्दनीबाग इलाके में धरना स्थल पर पहुंचे थे।
पटना पुलिस की एक्शन के बीच खान सर बीमार
खान सर ने मीडियाकर्मियों से कहा था, 'बीपीएससी अध्यक्ष को तुरंत एक बयान जारी करना चाहिए कि नए प्रारूप (नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया) में प्रारंभिक परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी। आयोग को परीक्षा की तारीख भी आगे बढ़ानी चाहिए क्योंकि कई अभ्यर्थी आयोग के सर्वर में तकनीकी समस्या के कारण आवेदन नहीं कर सके। जब तक बीपीएससी के अध्यक्ष स्पष्टीकरण जारी नहीं करते, हमारा धरना यहां जारी रहेगा।'खान सर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए छात्रों को यूट्यूब और अन्य डिजिटल मीडिया मंच के जरिए कोचिंग देने के लिए जाने जाते हैं। पुलिस की ओर से खान सर की गिरफ्तारी के बारे में गलत सूचना फैलाने के लिए सोशल मीडिया हैंडल-'खान ग्लोबल स्टडीज' के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू किए जाने के बीच शनिवार की शाम अचानक खान सर की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें इलाज के लिए पटना स्थित एक निजी अस्पताल प्रभात हास्पिटल में भर्ती कराया गया जहां उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
अस्पताल में भर्ती खान सर की तबीयत कैसी है?
प्रभात हास्पिटल के आपातकालीन गहन चिकित्सा इकाई के प्रमुख डॉ सतीश कुमार सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि खान सर कल देर रात भी उनके अस्पताल आए थे। उनको थकान और खांसी की शिकायत थी, जिसमें प्राथमिक उपचार लिए जाने के बाद उनकी हालत स्थिर होने की वजह से वह अपने घर चले गए थे।डॉ सतीश सिंह ने बताया कि शनिवार शाम उनकी तबीयत अधिक बिगड़ने पर जांच की गई और उन्हें डिहाइड्रेशन सहित अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है।
जब बदलाव हुआ ही नहीं, तो अफवाह कहां से फैली?
पटना में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के कार्यालय के पास प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों के एक बड़े समूह को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने शुक्रवार को हल्का लाठीचार्ज किया। ये अभ्यर्थी 13 दिसंबर को होने वाली बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा के नियमों में 'परिवर्तन' को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, बीपीएससी ने परीक्षा की प्रक्रिया में किसी भी तरह के बदलाव से इनकार किया है।बाद में पुलिस ने बीपीएससी कार्यालय के पास बेली रोड पर यातायात अवरुद्ध करने का प्रयास करने वाले आंदोलनकारी छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया और प्रतिबंधित क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की कोशिश करने के लिए छात्र नेता दिलीप कुमार को गिरफ्तार कर लिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया कि लाठीचार्ज के दौरान दो या तीन अभ्यर्थी घायल हो गए।
अधिकारियों ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा, 'किसी भी प्रदर्शनकारी को कोई चोट नहीं आई। पुलिस के अवरोधक तोड़ने की कोशिश करने वालों को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया।'
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